स्वास्थ्य की परिभाषा मानव शरीर की संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तत्वों के सुखदायक और समृद्ध अवस्था को संकेत करती है। यह शरीर, मन और समुदाय के संतुलन और हरमोनी का परिणाम होता है। स्वास्थ्य में रोगों की अनुपस्थिति, शारीरिक क्षमता और ऊर्जा का संतुलन, मानसिक स्थिरता, सामाजिक अनुकूलता और जीवन की सामर्थ्य शामिल होती हैं। स्वास्थ्य की परिभाषा व्यक्ति से व्यक्ति तक थोड़ी भिन्न हो सकती है, क्योंकि हर व्यक्ति का स्वास्थ्य उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्थितियों पर निर्भर करता है।
स्वास्थ्य की 4 अवधारणाएं क्या हैं?
चार मुख्य अवधारणाएं निम्नलिखित हो सकती हैं:
- शारीरिक स्वास्थ्य: यह स्वास्थ्य की प्रमुख अवधारणा है और शारीरिक रूप से अच्छी स्वास्थ्य का अभिप्रेत करती है। शारीरिक स्वास्थ्य का मतलब होता है कि आपका शारीर निरोगी हो और सभी शारीरिक प्रणालियाँ नियमित रूप से कार्य कर रही हों। इसमें सही खान-पान, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और नशीली पदार्थों से दूरी रखना शामिल हो सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य: यह स्वास्थ्य की दूसरी महत्वपूर्ण अवधारणा है और मानसिक रूप से अच्छी स्वास्थ्य की प्राप्ति को व्यक्त करती है। मानसिक स्वास्थ्य का मतलब होता है कि आपकी मनस्तिथि स्थिर और सक्रिय हो, आप स्वस्थ मनोवृत्ति रखते हों, तनाव को संभालते हों, समस्याओं को समाधान करने के लिए सामर्थ्य रखते हों और सकारात्मक भावनाओं के साथ रहते हों।
- सामाजिक स्वास्थ्य: यह स्वास्थ्य की तीसरी महत्वपूर्ण अवधारणा है और व्यक्ति के सामाजिक जीवन के अवधारणाओं को संबोधित करती है। सामाजिक स्वास्थ्य का मतलब होता है कि आप अपने परिवार, मित्र, समुदाय और समाज के साथ स्थिर और सतर्क संबंध बनाए रखते हों। यह स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले तत्वों जैसे कि संगठनिक समर्थन, सहयोग, समरसता, सामाजिक समर्थन और समानता सहित विभिन्न मानकों का ध्यान रखता है।
- आत्मिक स्वास्थ्य: यह स्वास्थ्य की चौथी महत्वपूर्ण अवधारणा है और व्यक्ति के आत्मिक और आध्यात्मिक स्तर को दर्शाती है। आत्मिक स्वास्थ्य का मतलब होता है कि आप अपने जीवन के उद्देश्य, मूल्यों और अर्थ को समझते हों और अपने जीवन में अंतर्निहितता, स्वयं-विकास और आध्यात्मिकता का अनुभव करते हों। यह स्वास्थ्य की अवधारणा मानवीय संबंधों, आध्यात्मिक प्राथमिकताओं, मनोवैज्ञानिक विकास और अंतर्निहित खुशहाली को शामिल करती है।
